कभी यूँ जो हो
कभी यूँ जो हो किसी दिन अगर ....
कभी तू मुझे सरे राह मिले !!
में हज़ार लम्हों को खींच कर .....
यह जो चलता वक्त है बाँध दूँ !!
यह जो गर्दिशें हैं ज़मीन की ....
उसी इक लम्हे पर रुकी रहें !!
में ताका करूं तुझे जज्ब से ...
यूँही प्यार से यूँही इश्क से....
तेरी हेर अदा को समेत लूँ !!
में हिसार -ऐ -जान मे इन सजा रखु ....
न तू कह सके , न मै कह सकू !!
तू जो पास हो तो में जी सकू ....
तू जो दूर हो न जिया करूं !!
कभी यूँ जो हो किसी दिन अगर ....
मेरे हमसफ़र तू जो न मिले !!
में हज़ार धडकनों को खींच कर ...
ये जो चलता दिल है बाँध दूँ !!
ये जो सिलसिले हैं मेरी साँस के ....
तेरी दूरी में ही हार दूँ !!
तू जो पास हो तो में जी सकूं ...
तू जो दूर हो , न जिया करूं ......
कभी यूँ जो हो किसी दिन ....
अगर मेरे हम सफर तू जो न मिले …!!!!!!!!