सह लिया हर दर्द
सह लिया हर दर्द हमने हस्ते हस्ते, उजड़ गया घर मेरा यारो बस्ते बस्ते। अब वफा करे तो किस से करे यारो, वफा करने गये तो बेवफा ही मिल रास्ते रास्ते।। ज़रूरी तो नही जीने के लिये सहारा हो, ज़रूरी तो नही हम जिनके हैं वो हमारा हो । कुछ खुशियाँ डूब भी जाती हैं, ज़रूरी तो नही के हर कश्ती के कोई किनारा हो।। सपनो का तरह आकार चले गये, आपनो को भुला कर चले गये । किस भूल की सज़ा थी आपने हमें, पहले हसाया, फिर रुला कर चले गये ॥ |