लङकियाँ बेवफा नही होती
वो तो मजबूरियों में लिपटी हैं !
अपने शिद्दत भरे ख्यालों में !
अपने अन्दर छुपी एक औरत में !
वो हमेशा ही ङरती रहती हैं ...
न तो जीती हैं न तो मरती हैं ...
लेकिन लङकियाँ बेवफा नही होती......!!!
पर हमेशा ही ङरती रहती हैं ...
अपने रीति और रिवाजो से ...
आने वाले नये अंजामो से चुपके से
खिले गुलबो से प्यार करती हैं और छपती हैं !
लङकियाँ बेवफा नही होती ......!!!
क्योकि मजबूरियों में लिपटी हैं ...
और हर लम्हा ङरती रहती हैं ...
अपने प्यार से अपने साये से ...
अपने रिश्तों से दिल की धड़कन से
अपनी ख्वाहिश से अपनी खुशियों से !
लङकियाँ बेवफा नही होती .......!!!