हाँ बंधुओं....अब हमें इन सबकी तवज्जो करनी है....
मैं भूत बोल रहा हूँ..........!!
पूं......पूं......पूं........!!
होशियार.....खबरदार.......हर राहगुजर......!!
कुछ लोग फिर से राजा बनने जा रहे हैं.....!!
आपने उनकी तवज्जो करनी है......!!
अभी उनके भाग्य की रेखाओं की
उलटी गिनती शुरू होने वाली है....!!
अभी से हर तरफ़ नोटों के बण्डल
और पैकेजों के पैकेज धरे जा रहे हैं......!!
अभी से कितने ही लोग मैनेज किए जा रहे हैं.....!!
अभी सारी पार्टियों के दरबार खुले हुए हैं....!!
सरकार बनते ही बंद हो जायेंगे फ़िर से
इस लोकतंत्र के मन्दिर के कपाट........
आम लोगों के लिए पाँच साल के लिए बंद.....!!
इसी लोकतंत्र की हमें तवज्जो करनी है.....!!
अभी-अभी संपन्न हुए इस मन्दिर की
ठेकेदारी के चुनाव में खर्च हुए हैं
महज पचास हज़ार करोड़ रूपये.....
जो अमरीकी राष्ट्रपति के चुनाव में हुए खर्च....
आठ हज़ार करोड़ से बस कुछ ही ज्यादा है....!!
कारण.....!!अमेरिका में तो बेतरह मंदी है....!!
और भारत में शायद इसका कोई असर नहीं.....!!
एक महीने जो पापड बेले हैं इन चुनाव में हमारे नेताओं ने
उनके एक-एक पापड बेले जाने का हिसाब हमको उन्हें देना है....!!
इसीलिए हे बंधुओं...हे नागरिकों....!!
हमें इसी लोकतंत्र को तवज्जो देनी है....देनी ही है.....!!
अभी बिछी हुई हैं....सब तरफ़ ही षडयंत्र भरी बिसातें.....!!
कौन कब कहाँ घर बदल देगा,यह ख़ुद उसे भी नहीं मालूम.....!!
घोड़ा सीधा चलेगा,हाथी ढाई घर और ऊंट एक-एक डेग.....!!
और प्यादे मंत्रियों की चाल चलेंगे इस बिसात में.....!!
कोई भी राजा होगा ही नहीं इस फीचर में.....!!
और अचानक किसी फ्रेम से एक राजा निकल आएगा....
और वो देश की जनता को नचाएगा....उसका तय करेगा भाग्य
बेशक वो ख़ुद किसी और के इशारों पर नाचता मिलेगा.....!!
कभी सूना करते थे हम कि.....
राजा होता है देश का सबसे सर्वशक्तिमान....संप्रभु.....!!
आज का राजा तो नाचता है....किसी मैडम
या किसी किंग मेकर की उँगलियों पर......
तो हाँ दोस्तों....हमें लोकतंत्र की आत्मा की खातिर
इसी राजा की तवज्जो करनी है....!!
बंधुओं....अपनी आत्मा की धज्जियाँ उडाकर भी
हमें संविधान का सम्मान करना है....
हमें इन सबकी तवज्जो करनी है.....
जो उडाते हैं....हर इक पल....
हमारे भारत के संविधान की धज्जियाँ.....!!
कवि : राजीव जी की रचना
6 टिप्पणियाँ:
अभी बिछी हुई हैं....सब तरफ़ ही षडयंत्र भरी बिसातें.....!!
कौन कब कहाँ घर बदल देगा,यह ख़ुद उसे भी नहीं मालूम.....!!
घोड़ा सीधा चलेगा,हाथी ढाई घर और ऊंट एक-एक डेग.....!!
और प्यादे मंत्रियों की चाल चलेंगे इस बिसात में.....!!
कोई भी राजा होगा ही नहीं इस फीचर में.....!!
और अचानक किसी फ्रेम से एक राजा निकल आएगा....
और वो देश की जनता को नचाएगा....उसका तय करेगा भाग्य
क्या बात है...
बहुत अच्छी सच्चाई बयां की है....
बिलकुल सच लिखा है...
मीत
सच्चाई बयां की है............
बहुत अच्छी रचना है
waah kya likha hai
waah !!
bahut sahi......GAZAB....
और अचानक किसी फ्रेम से एक राजा निकल आएगा....
और वो देश की जनता को नचाएगा....उसका तय करेगा भाग्य
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति है
सादर
प्रवीण पथिक
9971969084
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