बहुत है
छोटे से दिल को मिलते गम बहुत है,
ज़िन्दगी में मिलते हर पाल ज़ख्म बहुत है....
मार ही डालती कब की यह दुनिया,
कम्बख्त कुछ दोस्तो की दुआओ में दम बहुत है ....
हिंदी साहित्य |
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