कभी यूँ जो हो
कभी यूँ जो हो किसी दिन अगर ....
कभी तू मुझे सरे राह मिले !!
में हज़ार लम्हों को खींच कर .....
यह जो चलता वक्त है बाँध दूँ !!
यह जो गर्दिशें हैं ज़मीन की ....
उसी इक लम्हे पर रुकी रहें !!
में ताका करूं तुझे जज्ब से ...
यूँही प्यार से यूँही इश्क से....
तेरी हेर अदा को समेत लूँ !!
में हिसार -ऐ -जान मे इन सजा रखु ....
न तू कह सके , न मै कह सकू !!
तू जो पास हो तो में जी सकू ....
तू जो दूर हो न जिया करूं !!
कभी यूँ जो हो किसी दिन अगर ....
मेरे हमसफ़र तू जो न मिले !!
में हज़ार धडकनों को खींच कर ...
ये जो चलता दिल है बाँध दूँ !!
ये जो सिलसिले हैं मेरी साँस के ....
तेरी दूरी में ही हार दूँ !!
तू जो पास हो तो में जी सकूं ...
तू जो दूर हो , न जिया करूं ......
कभी यूँ जो हो किसी दिन ....
अगर मेरे हम सफर तू जो न मिले …!!!!!!!!
9 टिप्पणियाँ:
तू जो दूर हो , न जिया करूं ......
कभी यूँ जो हो किसी दिन ....
अगर मेरे हम सफर तू जो न मिले …!!!!!!!!
dheere-dheere sab hoga. Hausla banaaye rakheN.
आपका हिंदी ब्लॉगजगत में स्वागत है।
बहुत खूब।
बहन गार्गी
ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है
बहुत बेहतरीन लिखा है आपने।
बहुत बढिया कविता है।बधाई।
Bahut achchha,
Kabhi yahan bhi aayen,
http://jabhi.blogspot.com
तू जो पास हो तो में जी सकूं ...
तू जो दूर हो , न जिया करूं ......
marm sparshee,
-------------------------------"VISHAL"
narayan narayan best of luck
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