संसार कल्पब्रृक्ष है इसकी छाया मैं बैठकर हम जो विचार करेंगे ,हमें वेसे ही परिणाम प्राप्त होंगे ! पूरे संसार मैं अगर कोई क्रान्ति की बात हो सकती है तो वह क्रान्ति तलवार से नहीं ,विचार-शक्ति से आएगी ! तलवार से क्रान्ति नहीं आती ,आती भी है तो पल भर की, चिरस्थाई नहीं विचारों के क्रान्ति ही चिरस्थाई हो सकती है !अभिव्यक्ति ही हमारे जीवन को अर्थ प्रदान करती है। यह प्रयास है उन्ही विचारो को शब्द देने का .....यदि आप भी कुछ कहना चाहते है तो कह डालिये इस मंच पर आप का स्वागत है….
" जहाँ विराटता की थोड़ी-सी भी झलक हो, जिस बूँद में सागर का थोड़ा-सा स्वाद मिल जाए, जिस जीवन में सम्भावनाओं के फूल खिलते हुए दिखाई दें, समझना वहाँ कोई दिव्यशक्ति साथ में हें ।"
चिट्ठाजगत

शुक्रवार, 27 फ़रवरी 2009

कभी यूँ जो हो

कभी यूँ जो हो किसी दिन अगर ....
कभी तू मुझे सरे राह मिले !!
में हज़ार लम्हों को खींच कर .....
यह जो चलता वक्त है बाँध दूँ !!
यह जो गर्दिशें हैं ज़मीन की ....
उसी इक लम्हे पर रुकी रहें !!
में ताका करूं तुझे जज्ब से ...
यूँही प्यार से यूँही इश्क से....
तेरी हेर अदा को समेत लूँ !!
में हिसार -ऐ -जान मे इन सजा रखु ....
न तू कह सके , न मै कह सकू !!
तू जो पास हो तो में जी सकू ....
तू जो दूर हो न जिया करूं !!
कभी यूँ जो हो किसी दिन अगर ....
मेरे हमसफ़र तू जो न मिले !!
में हज़ार धडकनों को खींच कर ...
ये जो चलता दिल है बाँध दूँ !!
ये जो सिलसिले हैं मेरी साँस के ....
तेरी दूरी में ही हार दूँ !!
तू जो पास हो तो में जी सकूं ...
तू जो दूर हो , न जिया करूं ......
कभी यूँ जो हो किसी दिन ....
अगर मेरे हम सफर तू जो न मिले …!!!!!!!!

9 टिप्पणियाँ:

Sanjay Grover 27 फ़रवरी 2009 को 7:58 pm बजे  

तू जो दूर हो , न जिया करूं ......
कभी यूँ जो हो किसी दिन ....
अगर मेरे हम सफर तू जो न मिले …!!!!!!!!

dheere-dheere sab hoga. Hausla banaaye rakheN.

बेनामी,  27 फ़रवरी 2009 को 8:25 pm बजे  

आपका हिंदी ब्लॉगजगत में स्वागत है।

इस्लामिक वेबदुनिया 27 फ़रवरी 2009 को 10:18 pm बजे  

बहन गार्गी
ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है

हिन्दीवाणी 27 फ़रवरी 2009 को 10:34 pm बजे  

बहुत बेहतरीन लिखा है आपने।

परमजीत सिहँ बाली 28 फ़रवरी 2009 को 1:46 am बजे  

बहुत बढिया कविता है।बधाई।

Abhi 28 फ़रवरी 2009 को 12:49 pm बजे  

Bahut achchha,
Kabhi yahan bhi aayen,
http://jabhi.blogspot.com

बेनामी,  28 फ़रवरी 2009 को 6:40 pm बजे  

तू जो पास हो तो में जी सकूं ...
तू जो दूर हो , न जिया करूं ......

marm sparshee,

-------------------------------"VISHAL"

Blog Widget by LinkWithin
" अभिव्यक्ति ही हमारे जीवन को अर्थ प्रदान करती है। यह प्रयास है उन्ही विचारो को शब्द देने का , यदि आप भी कुछ कहना चाहते है तो कह डालिये इस मंच पर आप का स्वागत है…."
अपनी रचनाएं ‘अभिव्यक्ति' में प्रकाशित करें रचनाकारों से अनुरोध है कि 'अभिव्यक्ति' में अपनी रचना के निःशुल्क प्रकाशन हेतु वे समसामयिक रचनाएं जैसे - राजनैतिक परिदृश्य, स्वास्थ्य, जीवन, भावनात्मक संबंधों जैसे- दोस्ती, प्यार, दिल कि बातें आदि से सम्बन्धित लेख, कहानी, कविता, गज़ल व चुटकले आदि भेज सकते हैं. भेजी गयी रचनाएं मौलिक, अप्रकाशित और स्वरचित होनी चाहिए । रचनाएं यूनिकोड में ही स्वीकार्य होंगी । आप की स्वीकृत रचनाएँ आप के नाम के साथ ‘अभिव्यक्ति' में प्रकाशित की जायेंगी। रचनाएं ई-मेल द्वारा भेजी जा सकती हैं । ई-मेलः gargiji2008@gmail.com
"इस ब्लॉग पर पधारने के लिये आप का सहर्ष धन्यवाद"
यहाँ प्रकाशित रचनाओं, विचारों, लेखों-आलेखों और टिप्पणियों को इस ब्लॉग व ब्लॉग लेखक के नाम के साथ अन्यत्र किसी भी रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। (Reproduction allowed in any form strictly with the name of the Blog & Bloger.)

View My Stats

  © Blogger templates Psi by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP