एक प्यारी से सुबह से शुरू है
एक प्यारी से सुबह से शुरू है
ज़िन्दगी नये साल की तरह
जन्म जन्म पल रंग बदलती है
दिन और रात की तरह
इसके भी मौसम चार है
सर्दी , गर्मी, मानसून और बरसात की तरह
हर दिन एक पन्ना है ......
धूप - छाव की तरह
हर पल कुछ सीखता है
माँ - बाप की तरह
हर लम्हा गुज़र जाता है
शरीर से प्राण की तरह
फिर नया साल आता है
एक नई जन्म की तरह
इसी तरह चलता जाता है
वक्त का पहिया पिचास की तरह
सब कुछ बदल जाता है
बंद पालक के ख्वाब की तरह
रह जाते है कुछ अनुभव
कडी धूप में छाया की तरह
जीवन चलता जाता है
बिना थके , बिना रुके , अपनी गति संभाले
सीखता -सिखाता, हसाता – रुलता, बनाता - मिटाता,
हर पल को जी लैं एक जीवन की तरह
एक प्यारी से सुबह से शुरू है ज़िन्दगी नये साल की तरह
5 टिप्पणियाँ:
सुंदर अभिव्यक्ति!
नया वर्ष हो सबको शुभ!
जाओ बीते वर्ष
नए वर्ष की नई सुबह में
महके हृदय तुम्हारा!
bahut he sundar abhivyakti...
happy new year to u as well.
bahut hi man bhavani panktyain. naya saal apke jeevan mein dher sari khushiyan laye. God Bless u!
and Happy New year!!!!!!!!!!
बहुत सुन्दर!!
"आशा है एक नए उमंग की,
तरंग और उसके संवेग की॥
घूँघट उठाती दुल्हन २०१०...
और उसके स्पर्श की
मेरी दुल्हन २०१०
आपका स्वागत"
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