संसार कल्पब्रृक्ष है इसकी छाया मैं बैठकर हम जो विचार करेंगे ,हमें वेसे ही परिणाम प्राप्त होंगे ! पूरे संसार मैं अगर कोई क्रान्ति की बात हो सकती है तो वह क्रान्ति तलवार से नहीं ,विचार-शक्ति से आएगी ! तलवार से क्रान्ति नहीं आती ,आती भी है तो पल भर की, चिरस्थाई नहीं विचारों के क्रान्ति ही चिरस्थाई हो सकती है !अभिव्यक्ति ही हमारे जीवन को अर्थ प्रदान करती है। यह प्रयास है उन्ही विचारो को शब्द देने का .....यदि आप भी कुछ कहना चाहते है तो कह डालिये इस मंच पर आप का स्वागत है….
" जहाँ विराटता की थोड़ी-सी भी झलक हो, जिस बूँद में सागर का थोड़ा-सा स्वाद मिल जाए, जिस जीवन में सम्भावनाओं के फूल खिलते हुए दिखाई दें, समझना वहाँ कोई दिव्यशक्ति साथ में हें ।"
चिट्ठाजगत

गुरुवार, 23 अप्रैल 2009

काली परछाई है ज़िन्दगी

जाने किस मोड़ पर लाई है ज़िन्दगी ।
बस मायूसी ले कर आई है ज़िन्दगी । ।

हर तरफ टूटे हुए रिश्तो की खामोशी है ज़िन्दगी ।
एक बोझ बन के अब तो छाई है ज़िन्दगी । ।

सपना सलोना न कोई ख्वाहिश है ज़िन्दगी ।
चंद सांसो से बनी बारिश है ज़िन्दगी । ।

मौत मंज़िल है जिस मुकाम की ऐसा रास्ता है ज़िन्दगी ।
वक्त की मार से आज मुरझाई है ज़िन्दगी । ।

एक पल को भी चैन और आराम न पाई है ज़िन्दगी ।
मौत से पहले भी कई बार मौत लाई है ज़िन्दगी । ।

न तू साथी है और न ही ज़िन्दगी है जिन्दगी ।
मेरे ही अक्स की काली परछाई है ज़िन्दगी । ।

4 टिप्पणियाँ:

Udan Tashtari 23 अप्रैल 2009 को 4:02 pm बजे  

अच्छा प्रयास है-लिखते रहें, शुभकामनाऐं.

Manoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी 23 अप्रैल 2009 को 5:30 pm बजे  

ख़ुशी ही खुशी है यहाँ ज़िंदगी में
ग़मों की जगह है कहाँ ज़िंदगी में...

अनिल कान्त 24 अप्रैल 2009 को 9:55 am बजे  

kabhi jo zindgi ka daman hath mein aaye to thaam kar punchhna usse ...ae zindgi aakhir tujhe hua kya hai

aapne man ke bhavon ko bahut achchha ukera hai

Blog Widget by LinkWithin
" अभिव्यक्ति ही हमारे जीवन को अर्थ प्रदान करती है। यह प्रयास है उन्ही विचारो को शब्द देने का , यदि आप भी कुछ कहना चाहते है तो कह डालिये इस मंच पर आप का स्वागत है…."
अपनी रचनाएं ‘अभिव्यक्ति' में प्रकाशित करें रचनाकारों से अनुरोध है कि 'अभिव्यक्ति' में अपनी रचना के निःशुल्क प्रकाशन हेतु वे समसामयिक रचनाएं जैसे - राजनैतिक परिदृश्य, स्वास्थ्य, जीवन, भावनात्मक संबंधों जैसे- दोस्ती, प्यार, दिल कि बातें आदि से सम्बन्धित लेख, कहानी, कविता, गज़ल व चुटकले आदि भेज सकते हैं. भेजी गयी रचनाएं मौलिक, अप्रकाशित और स्वरचित होनी चाहिए । रचनाएं यूनिकोड में ही स्वीकार्य होंगी । आप की स्वीकृत रचनाएँ आप के नाम के साथ ‘अभिव्यक्ति' में प्रकाशित की जायेंगी। रचनाएं ई-मेल द्वारा भेजी जा सकती हैं । ई-मेलः gargiji2008@gmail.com
"इस ब्लॉग पर पधारने के लिये आप का सहर्ष धन्यवाद"
यहाँ प्रकाशित रचनाओं, विचारों, लेखों-आलेखों और टिप्पणियों को इस ब्लॉग व ब्लॉग लेखक के नाम के साथ अन्यत्र किसी भी रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। (Reproduction allowed in any form strictly with the name of the Blog & Bloger.)

View My Stats

  © Blogger templates Psi by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP