संसार कल्पब्रृक्ष है इसकी छाया मैं बैठकर हम जो विचार करेंगे ,हमें वेसे ही परिणाम प्राप्त होंगे ! पूरे संसार मैं अगर कोई क्रान्ति की बात हो सकती है तो वह क्रान्ति तलवार से नहीं ,विचार-शक्ति से आएगी ! तलवार से क्रान्ति नहीं आती ,आती भी है तो पल भर की, चिरस्थाई नहीं विचारों के क्रान्ति ही चिरस्थाई हो सकती है !अभिव्यक्ति ही हमारे जीवन को अर्थ प्रदान करती है। यह प्रयास है उन्ही विचारो को शब्द देने का .....यदि आप भी कुछ कहना चाहते है तो कह डालिये इस मंच पर आप का स्वागत है….
" जहाँ विराटता की थोड़ी-सी भी झलक हो, जिस बूँद में सागर का थोड़ा-सा स्वाद मिल जाए, जिस जीवन में सम्भावनाओं के फूल खिलते हुए दिखाई दें, समझना वहाँ कोई दिव्यशक्ति साथ में हें ।"
चिट्ठाजगत

मंगलवार, 8 सितंबर 2009

मन किया

आज न जाने क्यूँ रोने को मन किया।
माँ के आंचल में सर छुपा के सोने को मन किया।
दुनिया की इस भाग दौड़ में,खो चुका था रिश्तेय सब।
आज फिर उन रिश्तो को इक सिरे से संजोने का मन किया।
दिल तोद्ता हूँ सब का अपनी बातों से,
लड़ने का मन भी तो आपनो के मन से किया।
ता उमर जिसे भुला नही सकते ,
आज उणोह्ने हमें भुलाने का मन किया।
शिकवा भी तो आपनो से होती है,
क्या हुआ जो उन्हे ग़म देने का मन किया।

कवि : गुरशरण जी की रचना

7 टिप्पणियाँ:

उम्मीद 8 सितंबर 2009 को 10:46 am बजे  

गुरशरण जी आप के इस सहयोग के लिए आप का बहुत-बहुत धन्यवाद .
आशा है भविष्य मैं भी आप का सहयोग और प्रेम इसी प्रकार अभिव्यक्ति को मिलता रहेगा , और आप के कविता रुपी कमल यहाँ खिल कर अपनी सुगंघ बिखेरते रहेंगे.
आप की इतनी सुन्दर रचना के लिए तहेदिल से आप का अभिवादन

निर्मला कपिला 8 सितंबर 2009 को 11:24 am बजे  

बहुत hसुन्दर लगी कविता हां कभी कभी मन होता है रोने का
शिकवा भी तो आपनो से होती है,
क्या हुआ जो उन्हे ग़म देने का मन किया।
बहुत खूब आभार्

Vinay 8 सितंबर 2009 को 12:52 pm बजे  

बहुत सुन्दर रचना है
---
BlueBird

vandana gupta 8 सितंबर 2009 को 3:44 pm बजे  

aisa hota hai kabhi kabhi........bahut gahre bhavon se saji kavita.

Creative Manch 8 सितंबर 2009 को 9:09 pm बजे  

सुन्दर रचना के लिए
बधाई



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Tulsibhai 9 सितंबर 2009 को 1:16 pm बजे  

gargi,

" achi abhivyakti hai...

sikawa bhi to apno se hoti hai
kya huva jo unhe gum de diya "

plz write apne not aapne

magar aapki feelings ko hamara salam "

----- eksacchi { AAWAZ }

http://eksacchai.blogspot.com

http://hindimasti4u.blogspot.com

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