जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी !!
कब यहाँ से वहाँ.....कब कहाँ से कहाँ ,
कितनी आवारा है ये मेरी जिंदगी !!
कभी बनती सबा कभी बन जाती हवा ,
कितने रंगों भरी है मेरी ये जिंदगी !!
जिंदगी-जिंदगी -जिंदगी-जिंदगी !!
नाचती कूदती-चिडियों सी फूदती ,
चहचहाती-खिलखिलाती मेरी जिंदगी !!
जिंदगी -जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी !!
याद बनकर कभी,आह बनकर कभी ,
टिसटिसाती है अकसर मेरी जिंदगी !!
जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी !!
जन्म से मौत तक,खिलौनों से ख़ाक तक
किस तरह बीत जाती है ये तन्हाँ जिंदगी !!
जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी !!
कवि : राजीव जी की रचना
12 टिप्पणियाँ:
राजीव जी आप के इस सहयोग के लिए आप का बहुत-बहुत धन्यवाद .
आशा है भविष्य मैं भी आप का सहयोग और प्रेम इसी प्रकार अभिव्यक्ति को मिलता रहेगा , और आप के कविता रुपी कमल यहाँ खिल कर अपनी सुगंघ बिखेरते रहेंगे.
आप की इतनी सुन्दर रचना के लिए तहेदिल से आप का अभिवादन
सुंदर रचना .. सचमुच यही तो है जिंदगी !!
जिंदगी-जिंदगी -जिंदगी-जिंदगी !!
नाचती कूदती-चिडियों सी फूदती ,
चहचहाती-खिलखिलाती मेरी जिंदगी !!
जिंदगी -जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी !!
कितना प्यारा लिखती हैं आप , मैं तो कहूंगी कितना अद्भुत सोचती हैं आप |
बिना सोचे कोई लिख ही नहीं सकता |
वो रूहानी इश्क से सराबोर कर दिया
gargiJI gupta,
राजीव जी कृत रचना बहुत ही अच्छी लगी है।
सुन्दर।
आभार/शुभकामनाओ सहित
हे प्रभु यह तेरापन्थ
मुम्बई टाईगर
जिन्दगी की जीवंतता लिए यह रचना अच्छी लगी।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
याद बनकर कभी,आह बनकर कभी ,
टिसटिसाती है अकसर मेरी जिंदगी !!
टिसटिसाती शब्द का प्रयोग पहली बार पढ़ा...बहुत अच्छी रचना...
नीरज
बहुत प्रभावशाली रचना है
जन्म से मौत तक,खिलौनों से ख़ाक तक
किस तरह बीत जाती है ये तन्हाँ जिंदगी !!
जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी !!
bahut bahut bahut bahut bahut hi sundar
very nice creation gargi ji....
touched..
bhut kam shabdo me kitni badi zindagi ki itni sundar paribhasha likh di aapne....... bhut sundar.....
vaise aapke or hmare blog ka naam same hai
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