ये प्रेम है ......!!
ये प्रेम है ......!!
दुख तो हर हाल में देगा।
तेरे साथ होने पर भी .....
तेरे जाने के मौसम मे भी!
सोचती हूँ ......!!
दुखी होना है अगर हर हाल में......
तो तेरे साथ में रह कर दुखी होना बहतर है ।
रोने को एक कन्धा तो होगा ......
दुश्मन ही सही.... अपना -सा एक बन्दा तो होगा !!
ये प्रेम है .........!!!
दुख तो हर हाल में देगा।
दुख से सुख की अनुभूती है।
प्रेम बिन ज़िन्दगी अधूरी है ।
प्रेम से सारी खुशिया है।
प्रेम बिन ज़िन्दगी सूखी भूमि है।
प्रेम है तो सुन्दरता है।
अनुभूती है ।
खुशिया है ।
दुख है ।
आंसू है ।
संवेदना है ।
सारे रिश्ते नाते है।
जो अपनापन समझता है !!
ये प्रेम है .......
दुख तो हर हाल में देगा !!
दुख तो हर हाल में देगा !!!
12 टिप्पणियाँ:
प्रेम की बेहतरीन अभिव्यक्ति..
सुंदर कविता..
गार्गी जी प्रेम की बहुत ही सुखद अनुभूति पेश की आप ने चलो मै भी कुछ कह देता हूँ ,,,
प्रेम निशब्द अंतरात्मा की आवाज है ,,,
गहन आत्म संतुस्टी का साज है,,,
विचारकता की प्रष्ठ भूमि पर खडा,,
प्रगति का निनाद है ,,,
अध्यात्म की पराकास्ठा है ,,
और शून्य का नाद है
मेरी बधाई स्वीकार करे
सादर
प्रवीण पथिक
प्रेम मे डुबी कविता......... जहान है प्यार खुदा है प्यार जिन्दगी है प्यार .............तिनो लोक है प्यार .......और क्या कहे प्यार ये है और वो है प्यार काल का बन्धन नही होता ......प्यार प्यार प्यार है ............
दुखी होना है अगर हर हाल में......
तो तेरे साथ में रह कर दुखी होना बेहतर है ।
रोने को एक कन्धा तो होगा ......
दुश्मन ही सही....
अपना-सा एक बन्दा तो होगा !!
बहुत सुन्दर।
बधाई।
ये प्रेम है .......
दुख तो हर हाल में देगा !!
यह इश्क नहीं आंसन ,
आग का दरिया हैं , और डूब के जाना है .
Love is a sweet poison.......
Good lines but make it more rhyming
in future.
bahut he sundar baat kahi gargi ji....at uttam abhivakti...
दुख से सुख की अनुभूती है।
प्रेम बिन ज़िन्दगी अधूरी है ।
प्रेम से सारी खुशिया है।
प्रेम बिन ज़िन्दगी सूखी भूमि है।
प्रेम है तो सुन्दरता है।
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बहुत ही सुंदर कविता !
दिल को करीब से छूते भाव !
अच्छा लगा यहाँ आना !
मेरी हार्दिक शुभ कामनाएं !!!
जीवन का सबसे सुन्दर सच. बहुत अच्छी तरह से अभिव्यक्ति दी है आपने.
ये प्रेम है ......!!
दुख तो हर हाल में देगा।
तेरे साथ होने पर भी .....
तेरे जाने के मौसम मे भी!
वाह शुरूआत ही बेहतरीन है.
gargi ji pehle to blogging ki duniya mein swagat karne ke liye shukriya....aapki kavita behad khoobsurat hai....prem me milne wala sukh itna hota hai ki dukh uske saamne kuch nahi rehta...
खूबसूरती से आपने अपने भाव को रचना में समेटा है।
मिलन में नैन सजल होते हैं विरह में जलती आग।
प्रियतम प्रेम है दीपक राग।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
prem ke bhavon ko khoobsoorti se sanjoya hai........badhayi
pahli baar apke blog pe aayee hun...sab kavitaye to nahi padi..par jitni bhi padi sabse achhi yahi lagi...pyaar ke arth darshati kavita....
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