संसार कल्पब्रृक्ष है इसकी छाया मैं बैठकर हम जो विचार करेंगे ,हमें वेसे ही परिणाम प्राप्त होंगे ! पूरे संसार मैं अगर कोई क्रान्ति की बात हो सकती है तो वह क्रान्ति तलवार से नहीं ,विचार-शक्ति से आएगी ! तलवार से क्रान्ति नहीं आती ,आती भी है तो पल भर की, चिरस्थाई नहीं विचारों के क्रान्ति ही चिरस्थाई हो सकती है !अभिव्यक्ति ही हमारे जीवन को अर्थ प्रदान करती है। यह प्रयास है उन्ही विचारो को शब्द देने का .....यदि आप भी कुछ कहना चाहते है तो कह डालिये इस मंच पर आप का स्वागत है….
" जहाँ विराटता की थोड़ी-सी भी झलक हो, जिस बूँद में सागर का थोड़ा-सा स्वाद मिल जाए, जिस जीवन में सम्भावनाओं के फूल खिलते हुए दिखाई दें, समझना वहाँ कोई दिव्यशक्ति साथ में हें ।"
चिट्ठाजगत

सोमवार, 24 अगस्त 2009

मैंने वो सपना सहेज रखा है...

उनींदी स्याह रातों में...
रिश्तों की उलझी डोर से,
जिसे तुमने बुना था,
वो सपना...
मैंने सहेज रखा है...
हाँ वही सपना...!!
जो तुम्हें जान से प्यारा था..
वही सपना...
जो तुम्हारे मन का सहारा था...
पलकों की चादर फैंक,
आज ये कहीं उड़ जाना चाहता है...
जब रोकता हूँ इसको
तो घंटो छटपटाता है...
ना जाने देना इसको
तुमने ही तो कहा था,
पलकों के किनारे इसको
तुमने ही तो रखा था...
हाँ...देखो ना...
वो सपना
मैंने सहेज रखा है...
'' मीत जी की रचना

7 टिप्पणियाँ:

मीत 24 अगस्त 2009 को 11:46 am बजे  

मेरी रचना को स्थान देने के लिए गार्गी जी आपका धन्यवाद....
मीत

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 24 अगस्त 2009 को 4:31 pm बजे  

सुन्दर ..
गणेश उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ।

उम्मीद 24 अगस्त 2009 को 4:33 pm बजे  

मीत जी आप के इस सहयोग के लिए आप का बहुत-बहुत धन्यवाद .
आशा है भविष्य मैं भी आप का सहयोग और प्रेम इसी प्रकार अभिव्यक्ति को मिलता रहेगा , और आप के कविता रुपी कमल यहाँ खिल कर अपनी सुगंघ बिखेरते रहेंगे.
आप की इतनी सुन्दर रचना के लिए तहेदिल से आप का अभिवादन

M VERMA 24 अगस्त 2009 को 4:49 pm बजे  

बेहद खूबसूरत रचना

Blog Widget by LinkWithin
" अभिव्यक्ति ही हमारे जीवन को अर्थ प्रदान करती है। यह प्रयास है उन्ही विचारो को शब्द देने का , यदि आप भी कुछ कहना चाहते है तो कह डालिये इस मंच पर आप का स्वागत है…."
अपनी रचनाएं ‘अभिव्यक्ति' में प्रकाशित करें रचनाकारों से अनुरोध है कि 'अभिव्यक्ति' में अपनी रचना के निःशुल्क प्रकाशन हेतु वे समसामयिक रचनाएं जैसे - राजनैतिक परिदृश्य, स्वास्थ्य, जीवन, भावनात्मक संबंधों जैसे- दोस्ती, प्यार, दिल कि बातें आदि से सम्बन्धित लेख, कहानी, कविता, गज़ल व चुटकले आदि भेज सकते हैं. भेजी गयी रचनाएं मौलिक, अप्रकाशित और स्वरचित होनी चाहिए । रचनाएं यूनिकोड में ही स्वीकार्य होंगी । आप की स्वीकृत रचनाएँ आप के नाम के साथ ‘अभिव्यक्ति' में प्रकाशित की जायेंगी। रचनाएं ई-मेल द्वारा भेजी जा सकती हैं । ई-मेलः gargiji2008@gmail.com
"इस ब्लॉग पर पधारने के लिये आप का सहर्ष धन्यवाद"
यहाँ प्रकाशित रचनाओं, विचारों, लेखों-आलेखों और टिप्पणियों को इस ब्लॉग व ब्लॉग लेखक के नाम के साथ अन्यत्र किसी भी रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। (Reproduction allowed in any form strictly with the name of the Blog & Bloger.)

View My Stats

  © Blogger templates Psi by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP