ये किसानो की है हकीक़त क्या बात
आदमी मे आदमीयत क्या बात है
हर-एक की नेक नीयत क्या बात है
साकी ने शराब मे क्या शै मिला दी
वाएज़ को भी दी नसीहत क्या बात है
बदमिजाज़ हुवा शहर नए दौर के नाम पे
संस्कृति की ये फजीहत क्या बात है
माँ-बाप भगवान सामान यहाँ और
पत्थरों मे भी अकीदत क्या बात है
भूख खाते है और प्यास पीते है"मीत"
ये किसानो की है हकीक़त क्या बात है
कवि: रोहित कुमार "मीत" जी की रचना
13 टिप्पणियाँ:
रोहित कुमार "मीत" जी आप के इस सहयोग के लिए आप का बहुत-बहुत धन्यवाद .
आशा है भविष्य मैं भी आप का सहयोग और प्रेम इसी प्रकार अभिव्यक्ति को मिलता रहेगा , और आप के कविता रुपी कमल यहाँ खिल कर अपनी सुगंघ बिखेरते रहेंगे.
आप की इतनी सुन्दर रचना के लिए तहेदिल से आप का अभिवादन
बहुत सुन्दर रचना प्रेषित की है।बधाई।
कवि: रोहित कुमार "मीत" जी की बेहद खूबसूरत रचना पढ़वाने के लिए आभार।
sarthak aur sundar srijan ke liye badhaai meet sahab
sarthak aur sundar srijan ke liye badhaai meet sahab
sarthak aur sundar srijan ke liye badhaai meet sahab
Sach ke kareeb hai ye gazal.
( Treasurer-S. T. )
मित्रवर, मैं आपको दुखी नहीं करना चाहता. लेकिन गजल फॉर्म में आपकी जो भी रचनाएँ होती हैं, वे गजल नहीं हैं. आपका लेखन देखकर मुझे लगता हा कि आपको थोड़ी कोचिंग, थोड़ी ट्रेनिंग, थोड़े अध्ययन की आवश्यकता है. आप बेहतर लिख सकते हैं और मुझे आपके लेखन में अपार सम्भावनाएं नजर आती हैं. मेरा व्यक्तिगत सुझाव है कि आप अपने इर्द-गिर्द किसी सिद्धहस्त गजलकार को तलाश करें तथा कुछ दिनों तक उनसे गजल के व्याकरण एवं इसकी शास्त्रीयता का ज्ञान प्राप्त करें. हो सकता है, बहुत से लोग इन रचनाओं की प्रशंसा कर रहे हों परन्तु गजल यदि इतनी ही आसान विद्या होती तो मेरे जैसा रचनाकार आज भी इस विद्या की कक्षा एक का छात्र न होता. यश, ख्याति, प्रसिद्धि पाने के लिए त्याग तथा परिश्रम नितांत आवश्यक हैं.
आपको मेरा यह 'उपदेश' बुरा लगा हो तो कोई बात नहीं, मैं आपकी खरी-खोटी सुनने के लिए भी तैयार हूँ. लेकिन बन्धु, एक शेर जरूर कोट करना चाहूँगा:
मिटा दे अपनी हस्ती को अगर कुछ मर्तबा चाहे
कि दाना खाक में मिलकर गुलो गुलज़ार होता है.
बहुत ही अच्छी लगी ये रचना.
बहुत ही अच्छी लगी ये रचना.
बहुत ही अच्छी लगी ये रचना.
Sarwat M साहब ने एकदम दुरुस्त फ़रमाया है. सच यही है की १००० झूठी तारीफ करने वालों से एक सच्ची बुरे करने वाला अच्छा है. आशा है Sarwat M जी मुझे भी दिशा निर्देशित करेंगे. कबीरदास जी ने भी कहा है की 'निंदक नियरे राखिये'.
once again a very nice composition....
great work....
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