इजाज़त दे दो ....
खुद को दिल में बसने की इजाज़त दे दो ...
मुझ को तुम अपना बनाने की इजाज़त दे दो ....
तुम मेरी ज़िन्दगी के एक हसीन लम्हा हो.....
फूलों से खुद को सजाने का इजाज़त दे दो.....
मैं कितना चाहता हूँ किस तरह बताऊ तुम्हैं......
मुझे यह आज बताने की इजाज़त दे दो......
तुम्हारी चाँद सी आंखों मै चाँद सा चेहरा .....
मुझे यह शाम सजाने की इजाज़त दे दो .....
मुझे कैद कर लो अपने दिल में.....
या मुझ खुद कैद होने की इजाज़त दे दो .....
मित्र: जितेन्द्रा राणा की रचना
"रचना के बारे में अपनी मह्तबपूर्ण राय बताये ताकि अगली रचना और भी बहतर "
1 टिप्पणियाँ:
आप की इस रचना के लिये आप का सहर्ष धन्यबद
एक टिप्पणी भेजें