प्यार
कभी नज़र से गिरा दिया
कभी दिल में बसा दिया
मुहब्बत में तुम ने हमें
कभी हसाया, तो कभी रुला दिया
कभी प्यार बेशुमार किया
कभी दर्द बेन्तेहा दिया
अपनी दीवानगी में तुमने हमें
किस मकाम पर पहुचा दिया
कभी सेहरा में तन्हा कर दिया
दिल को खिलना समझ कर
तुमने हमें हर खेल में हारा दिया
कभी उमीदो को बड़ा दिया
कभी मायूसियौ ने जीना दुशबार कर दिया
फिर भी हमदम हमने तुम्हें
प्यार की हद से भी ज्यादा प्यार किया
1 टिप्पणियाँ:
अच्छा लिखा है।
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