आशिकी
आशिकी में बहुत जरूरी है,
बेवफ़ाई कभी कभी कर ली।
तुम मोहब्बत को खेल कहते हो,
हम ने बरबाद ज़िन्दगी कर ली।
उस ने देखा बडी इनायत से,
आंखों आंखों में बात भी कर ली।
आशिकी में बहुत जरूरी है,
बेवफ़ाई कभी कभी कर ली।
हम नही जानते चिरगो ने,
क्यों अंधेरों से दोस्ती कर ली।
धड़्कनें दफ़न हो गयी होंगी,
दिल में दीवार क्यों खाड़ी कर ली?
4 टिप्पणियाँ:
sunder rachna, ek stanza aur hota to aur achha lagta.
बहुत बढ़िया!
बहुत ही सुंदर ...
wah wah kya likha hai aapne...bahut khoob
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