आशीष !!!
ईश्वर के था आशीष !!!
जो आप पधारे ....
बसुंधरा के आंगन !!
अपनी प्यारी अखियन ...
से मीठी मीठी बतियन से ....
अपनी प्यारी सूरत से ....
अपनी प्यारी मुस्कान से ...
भर दिया माता का दमन ...
ईश्वर के था आशीष !!!
जो आप पधारे ...
बसुंधरा के आंगन ...
भोली सूरत , प्यारा चहरा !!
सब को लागते मनभावन !!
ये दुआ करती हु सदा ...
आप पर गिरता रहे ....
खुशियों का सावन !!
सफलताओ के दीप जलें ....
आप के घर आंगन ....
जो चाहो मिल जय तुम्ह ...
ईश्वर खुशियों से भर ...
दे आप का दमन ...
ईश्वर का था आशीष !!!
जो आप पधारे ....
बसुन्ध्रा के आंगन !!
1 टिप्पणियाँ:
bahut sundar rachana hai
---
चाँद, बादल और शाम
गुलाबी कोंपलें
एक टिप्पणी भेजें