जुदाई
हम जीने नही देती है
ये गुजारी हुई यादें
हम से भूली नही जाती है
ये बीती हुयी बातें
अब कैसे कहें हम तुम से
ऐ दोस्त तेरी बातें
हम हर पल याद आती है
तेरी छोटी छोटी बातें।
हिंदी साहित्य |
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2 टिप्पणियाँ:
बहुत सुंदर रचना ...
गार्गी जी
"हर पल याद आती हैं , तेरी छोटी - छोटी बातें,"
सत्यवचन , सुन्दर रचना .
- विजय
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