बाँकी
बुझ गये दीपक सभी,
नयनो की ज्योति बाँकी है .....
बादल तो गरज कर बरस चुके,
नयनो के सावन बाँकी है.....
जमाने के ताने तो कब के हो चुके,
खुद का होश में आना बाँकी है ......
है दिल के अरमान कब के टूट चुके,
बस मेरा मिट्टी में मिल जाना बाँकी है .......!!!!!!
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